दोस्तो आज हम Hazrat Ibrahim Alaihis Salam Aur Farishte Ka Waqia पढ़ेंगे allah tala की मुहोबबत हर एक के दिल में होनी चाहिए जब मुहोब्बत होगी तो उसकी अजमत होगी और अजमत होगी तो अल्लाह के हुक्म को पूरा करना हमारे लिए आशान होगा तो दोस्तो ये जो हजरत इब्राहिम अली सलाम का वाकया हमे अल्लाह की मुहोब्बत का सबक देता है अल्लाह के लिए कैसे सब कुछ कुर्बान किया जाता है तो मेरे अजीज दोस्तो हम भी Hazrat Ibrahim Alaihis Salam Aur Farishte Ka Waqia से कुछ सबक हासिल करे और अपने दिल के अंदर अल्लाह की मुजोब्बत को जगह दे तो चलिए ज्यादा देर न करते हुए हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम का किस्सा शुरू करतें है.
Hazrat Ibrahim Alaihis Salam Aur Farishte Ka Waqia
एक मर्तबा हज़रत इब्राहिम अलैहिस्सलाम अपनी बकरियों का रेवर (जुंद ) चरा रहे थे एक आदमी करीब से गुजरा गुजरते हुए उसने अल्लाह ताला की शान में यह अल्फाज जरा बुलंद आवाज से कहे जो दुआ हम तराबी की चार रकात के बाद पढ़ते है वो ही दुआ उस आदमी ने पढ़ी
سبحان ذی الملك والملكوت سبحان ذي العزة والعظمة والهيبة
والقدرة والكرباء والجبروت
Dua ka tarjuma
पाक है वह जमीन की बादशाही और आसमान की बादशाही वाला पाक है वह इज्जत बुजुर्गी हैयबत और कुदरत वाला बड़ा ही दब दबा वाला है.
हजरत इब्राहीम अलैहिस्सलाम ने जब अपने मेहबूब ए हकीकी की तारीफ इतनी प्यारी अल्फाज में सुनी तो दिल मचल उठा फरमाया के है भाई यह अल्फाज एक मर्तबा और कह देना उसने कहा के मुझे इसके बदले में दिया जाएगा आपने फरमाया आधा रिवर बकरियों का उसने यह अल्फाज दोबारा कह दिए आपको तो इतना मजा आया के बेकरार होकर फरमाया ए भाई एक मर्तबा फिर कह दीजिए उसने कहा इसके बदले क्या दिया जाएगा ?
hazrat ibrahim ka waqia in hindi pdf
Hazrat Ibrahim Alaihis Salam Story In Hindi
फरमाया जो बकरियां बाकी रह गई है वह सब तुम्हारी ये सुन कर उस आदमी ने यह अल्फाज तीसरी मर्तबा कह दिए ये अल्फाज तीसरी मर्तबा सुन कर हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम इतना सुरूर मिला के बेकरार हो कर कहा ए भाई यह अल्फाज एक मर्तबा और कह दीजिए उस आदमी ने कहा आपके पास देने के लिए कुछ बचा नहीं अब आप क्या देंगे ?
हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम का किस्सा
हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम ने फरमाया भाई मैं तेरी बकरियां जो मैंने तुझे दी है उसे चराने के लिए तुझे कोई चरवाहा (आदमी) भी तो चाहिए तो तू ये कलीमात कह दे इसके बदले में में तेरी बकरियां चराया करूंगा तुम मेरे महबूब की तारीफ और कर दो उसने कहा हजरत इब्राहिम खलीलुल्लाह शुभानल्लाह मुबारक हो में तो फरिश्ता हूं अल्लाह ताला ने भेजा है के जाओ और मेरा नाम लो और देखा कि वह मेरे नाम के क्या दाम लगता है सुभानल्लाह , अल्लाह ताला ने आप का इम्तिहान लिया था जिसमे आप कामयाब हुए यह कह कर वो फरिश्ता जो आदमी की सकल में आया था चला गया और हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम अपने काम में लग गए.
हजरत इब्राहिम अलायहिस्सलाम का वाकिया
मेरे भाइयों और दोस्तों हमने हजरत इब्राहिम का वाकया पढ़ा इससे हमने ये सबक लिया के अल्लाह को राजी करनें के लिए जो कुरबानी देनी पड़े देदो हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम के दिल में अल्लाह की मोहब्बत कितनी भरी हुई थी की अल्लाह की तारीफ को सुनकर अपना सब कुछ अल्लाह की खातिर कुर्बान कर दिया अब हम सोच के हम क्या ऐसी कुर्बानी दे सकते हैं हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम का किस्सा हमे ये सीखता है.
Canclyusan
दोस्तो आज हमने Hazrat Ibrahim Alaihis Salam Aur Farishte Ka Waqia पढ़ा इस islamic waqiya से हमने सीखा के अल्लाह को राजी करने के लिए अपना सब कुछ लगा देना चाहिए और अल्लाह को राजी करना चाहिएं आप ने हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम का किस्सा से क्या सीखा कॉमेंट कर के अपना सुझाव दे आप islamic Blog post पढ़ना चाहते है तो हमे फॉलो करे इसी के साथ आज की इस islamic blog post को यही पर खत्म करते है फिर मिलते है एक नए ब्लॉग में तब तक के लिए अपना खयाल रक्खे.
Allah hafiz
FAQ
Q 1 हजरत अब्राहम कौन थे?
हजरत इब्राहिम अलायहीस्सलाम अल्लाह के लाडले नबी थे जिन्हे खलीलुल्लाह यानी के अल्लाह का दोस्त का खिताब मिला था जितने नबियों का कुरान में जिक्र आया है उसमें हजरत इब्राहिम अलायहिस्सलाम का नाम भी शामिल है हज़रत इब्राहीम के इस्लाम के मशहूर वाकियात कुरान शरीफ में मौजूद है.
Q 2 इस कहानी में जो आदमी आया था वो कोन था?
हजरत इब्राहिम अलायहिस्लाम की कहानी में जो आदमी था वो एक फरिस्ता था जो इंसान की शक्लमे आया था.
Q 3 हजरत इब्राहिम अलयहिसलाम का किस्सा में फरिश्ते ने जो कलीमत पढ़े थे वो क्या थे ?
हजरत इब्राहिम अलयहिसलाम की कहानी में फरिस्ते ने जो कलीमत पढ़े थे वो ये थे سبحان ذی الملك والملكوت سبحان ذي العزة والعظمة والهيبة والقدرة والكرباء والجبروت
Q 4 हज़रत इब्राहिम अलैहिस्सलाम का लकब क्या था ?
हज़रत इब्राहिम अलैहिस्सलाम अल्लाह के प्यारे और लाडले नबी थे उनका का लक़ब अल्लाह का दोस्त यानी खलीलुल्लाह था.
Q 5 हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम और फरिश्ते की कहानी में आप क्या काम कर रहे थे?
हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम और फरिश्ते की कहानी में हजरत इब्राहीम खलीलुल्लाह बकरियां चराने का काम कर रहे थे.
Achhi jankari di aap ne
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