Ghusal Karne Ka Sahi Tarika Kya Hai ? | गुसल करने का सही आसान तरीका जानिए

दोस्तो आज हम ghusal karne ka sahi tarika kya hai  मे आप की खिदमत में लेकर हाजिर हुए है ,islam में घुसल का तरीका का खास महत्त्व है क्युकी की अगर gusal सही नहीं होगा तो namaz सही नहीं होगी इस लिए हमें gusal karne ka sahi tarika Kya hai ये सीखना बहुत जरूरी है तो आज की islamic Blog post के अंदर हम gusal ka tarika in hindi और gusal ke faraiz और gusal ke aadab gusal kab farz hota hai ये सभी deen ki baatein Hindi me सीखेंगे तो ज्यादा देर न करते हुए आज की islamic post घुसल का तरीका हिंदी में को शुरू करते है.

Gushal ka tarika in Hindi

ghusal karne ka sahi tarika kya hai| गुसल करने का सही आसान तरीका जानिए 

दोस्ती जब gusal का इरादा करे तो पहले पेशाब और पाखाना की जरूरत से फारिग हो जाए और उसके बाद सब से पहले इस्तिजा करे और किसी जगह और किसी जगह जाहिरी नापाकी लगी हो तो को साफ करें, और धो ले फिर अच्छी तरह वजू करें जैसे नमाज के वुजू करते हैं अगर पुख्ता जगह या तख्त,या पत्थर पर बैठकर गुसल कर रहा हो तो पांव भी अभी ढोले और अगर कच्ची जगह पर बैठकर वुजू कर रहा हो तो पूरा गुसल करके फिर लास्ट में पांव धोए वजू के गुस्से में कली करते वक्त पूरा ख्याल रखें पानी हलक तक ले जाएं और मुंह भर के कुल्ली करें, अगर रोज ना हो तो गरगरा भी करें और नाक में जहां तक नरम जगह है वहां तक सांस के साथ पानी ले जाए वुजु के बाद थोड़ा सा पानी हाथ में लेकर सारे बदन पर मल ले 

इसके बाद तीन बार सर पर पानी डालें इसके बाद दाहिने कंधे पर पानी डालें और उसके बाद बाए कंधे पर पानी डालें, हर हर जगह ख्याल करके अपनी पहुंचाएं कोई जगह पानी के बगैर सुखी ना रह जाए यह बात याद रखें की कोई जगह एक बाल के बराबर भी सुखी रह गई तो गुसल नहीं होगा.

अगर गुसल करने के बाद पता चला के फुल जगह पानी के बगैर सुखी रह गई है तो खास उसे जगह को ही ढोले इसके लिए पूरा गुसल फिर से करने की जरूरत नहीं है.

Ghusal Ke Faraiz Kya Hai ? | गुस्ल के फर्ज कितने होते हैं ?

दोस्तो ये भी जानना भी जरूरी है के जो हम अमल करने जा रहे हैं उसमें क्या फर्ज है क्या सुन्नत है क्या वाजिब है तो चलो दोस्तों गुसल के फराईज जानते हैं और सीखते हैं गुसल के फर्ज तीन फर्ज है

(1) खूब हलक तक मुंह भर के पानी से मुंह बढ़कर कुली करना.

(2) नाक में नरम जगह तक सांस के साथ पानी चढ़ाना जहा तक नरम जगह है.

(3) तमाम बदन पर अच्छी तरह पानी पहुंचाना.

 Ghusl Ki Dua In Hindi | गुस्ल की दुआ की दुआ क्या है ?

दोस्तो इसलाम में हर काम की dua और aadab दोनो ही बताएं गए है और उसके फायदे भी बताए गए तो गुस्ल की दुआ हिंदी में क्या है ये सीखते है hadees Sharif में बहुत गुस्ल की दुआ बताई गई है उसमे से एक ये है,

اللهم اجعلني من التائبين وجعلني ممن طهروا أنفسهم

Dua ka tarjuma 

ए अल्लाह मुझे तू सब से ज्यादा तौबा करने वालो में बना और (गुसल के जरिए ) मुझे पाक करने वालो में बना.

اللهم اجعلني ممن يرجع إليك كثيرا في التوبة واجعلني من طاهرين طاهرين

ए अल्लाह मुझे अपनी तरफ कसरत से तौबा करने वालो में से बना और और मुझे पाक पाकीजा किरदार अता फरमा.

اللَّهُمَّ اغْسِلْنِي مِنَ الذُّنُوْبِ وَطَهَّرْنِي مِنَ الْخَطَايَا كَمَا يُنَقَّى الثَّوْبُ الْأَبْيَضُ مِنَ الدَّنَسِ، اللَّهُمَّ اجْعَلْنِي مِنَ التَّوَّابِينَ وَاجْعَلْنِي مِنَ الْمُتَطَهِّرِينَ.

दुआ का तर्जुमा 

ऐ अल्लाह, मुझे मेरे गुनाहों से पाक कर दे और मुझे मेरे गुनाहों से पाक कर, जैसे एक सफेद कपड़ा मिट्टी से साफ किया जाता है। ऐ अल्लाह, मुझे उन लोगों में से बना जो लगातार तौबा करते हैं और खुद को पाक करते हैं.

घुसल करने का सुन्नत तरीका क्या है ?

Ghusl E Janabat Ka Tarika kya hai | इस्लाम में ग़ुस्ल जनाबत क्या है?

दोस्तो ghusl e janabat के बारे में जिनका भी deen के साथ थोड़ा भी ताल्लुक है वो जरूर जानते है जो लोग नही जानते वो लोग इस islamic blog post के हिस्से को पढ़ेंगे तो वो भी ghusl e janabat kya hai ये सिख जाएंगे सादी सुदा मर्द और औरत तन्हाई में मिलते है यानी हम बिस्तरी (shex) करते है इसकी बाद लगने वाली नापाकि को दूर करने के लिए और पाकी हासिल करने के लिए किए जाने वाले gusal को इस्लाम में ग़ुस्ल जनाबत कहते है.

दोस्तो ghusl e janabat kise kehte hai ये तो हमने सिख लिया अब ghusl e janabat ki niyat को हम सीखते है.

Ghusl E Janabat Ki Niyat | जनाबत का गुसल की निय्यत क्या है?

गुसल ए जनाबत करने वाला सब से पहले ये नियत करेगा के में हम बिस्तरी की नापाकी को दूर करने के लिए और पाकी हासिल करने के लिए फर्ज गुसल कर रहा हु 

gusal e janabat ki hadees in hindi

दोस्तो अब हम कुछ ghusl e janabat ki hadees पढ़ेंगे जिससे हेम हदीस की रोशनी में इल्म हासिल होगा तो चलिए हदीस की बातें हिंदी में पढ़ते है और हदीस की अच्छी-अच्छी बातें सीखते है 

उम्मुल मोअमिनिन मेमुना r.a. बयान फरमाती है के nabi sallallahu alaihi wasallam ने जब गुसल का इरादा फरमाते तो सब से पहले दोनो हाथ धोए फिर सर्मगाह को धोया फिर बाया हाथ जिस से सर्मगाह को धोया था जमीन पर रगड़ा फिर उसको धोया फिर कुल्ली की गिर नाक में पानी डाला फिर चेहरा धोया फिर कोहनियों तक हाथ धोए फिर सर पर पानी डाला और फिर बालो की जड़ों तक पानी पहोचाया फिर तीन बार सर पर पानी डाला फिर तमाम बदन पर पानी डाला फिर जहां आपने गुसल किया था उस जगह से हट कर अपने पांव धोए.

(बुखारी शरीफ की हदीस)

Ghusl karne ka sunnat tarika kya hai ?

Ghusl E Janabat Ka Tarika Sahi | Humbistari Ke Baad Ghusal Ka Tarika 

दोस्तो अब हम आप को Humbistari ke baad ghusal ka tarika बताएंगे जिसको जानना हमारे लिए बहुत जरूरी है क्युकी गुसल सही होगा तो namaz सही होगी इस लिए जो हम आप को घुसल का तरीका बताएं उसे ध्यान से पढ़े 

दोस्तो हम बिस्तरी के बाद गुसल का सही इस्लामी तरीका जो अक्सर मुसलमानो को मालूम नही महेरबानी कर के इस इस्लामिक पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे टाके हर ईमान वाले को Humbistari Ke Baad Ghusal Ka Tarika मालूम हों जाए.

जब रात को मियां बीवी एक दूसरे के साथ हमबिस्तर हो तो सुबह की नमाज fazar से पहले और अगर दिन में ये gusal हो तो अगली नमाज से पहले मर्द और औरत को गुसल करना जरूरी है क्यूं की ये farz gusal है इस घुसल को ghusal ए janabat कहा जाता है घुसल न करने तक नापकी की हालत में रहने वाले को जुनूबी कहा जाता है.

Ghusl E Janabat में बहुत एहतमाम की जरूरत होती है हर मर्द और औरत दोनो ही अपने गुप्त अंगों की सफाई का अच्छी तरह ध्यान देना चाहिए और एहतियात से काम ले मर्द अपने गुप्त अंग को अच्छीं तरह धोए कही ऐसा न हो के मनी जमा हुआ रहे जाए और औरत अपनी शर्म गाह की अच्छी तरह सफाई करे घुसल से पहले पेशाब कर लेना भी बेहतर और मुनासिब है, इन जिस्म के हिस्से से नापाकी दूर करने के बाद सब से पहले  वूजू कर लेना चाहिए उसके बाद पूरे जिस्म पर पानी डालने कर हाथ से पूरे जिस्म पर मल ले टाके जिस्म का कोई हिस्सा सुखा न रहे जाए और बाहर का हिस्सा सुखा न रह जाए और बालों की जड़ों तक पानी पहुंच जाए उसके बाद सारे बदन पर पानी बहाए.

गुस्ल के फर्ज कितने होते हैं ? | गुस्ल के कितने फर्ज है ?

गुस्ल के तीन फर्ज है

एक मर्तबा मुंह भर कर कुल्ली या गरगरा करना 

नाक की नरम हड्डी तक पानी पहोचाना

पूरे जिस्म पर इस तरह पानी बहाना के एक बाल बराबर भी जगह सुखी न रहे

ये तीनो अमल तीन तीन बार पढ़ना सुन्नत है सोते वक्त एहतेलाम हो जाए या या जागने की हालत में बगैर सोहबत किए इंजाल हो जाए या बोसा और किनार की हालत में सहवत के साथ मनी खारिज हो जाए तो ऐसी सूरत में भी गुसल करना फर्ज हो जाता है.

औरत की शर्मगाह में मर्द की शर्मगाह की सुपारी अंदर चली जाए और फिर चाहे इंजाल न भी हुआ हो मर्द और औरत दोनो पे घुसल फर्ज हो जायगा.

जो मर्द या औरत अगर पांच वक्त की नमाज का पाबंद नही वो लोग एक छोटी से सुस्ती और काहिली की वजह से Ghusl E Janabat किए बगैर कई कई दिन गुजार देते है ये बड़ी नहुशत और बेबरकती की बात है. जुनुबी के घर से रहमत के फरिश्ते भी दूर रहते है.

Ghusl Ki Kitni Sunnat Hai | घुसल की सुन्नत कितनी है

दोस्तो घुसल की पांच सुन्नत है अगर हम ये काम जो अभी बतलाने वाला हु इसको सुन्नत के मुताबिक करेंगे तो हमारा गुसल करना जो के हम अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए कर रहे है वो भी दीन बन जायेगा तो आइए हम सीखते है के 

Ghusl Ki Kitni Sunnat Hai 

1. दोनो हाथो को पहोचो तक धोना.

2. वुझू करना 

3. इस्तिंजा करना और बदन पर नजासत लगी हो उसे धोना.

4. नापाकी दूर करने की नियत करना.

5. तमाम जिस्म पर पानी बहाना.

ये ghusl ki sunnatein है अब हम ghusl ke makruhat kya hai वो सीखते है.

Ghusal Ke Makruhaat Kya Hai ? | घुसल के मकरूहात क्या है ?

Ghusl ke Makruhaat 5 hai

1. बगैर मजबूरी के ऐसी जगह पर घुसल करना जहा गैर मेहरम की नजर पड़े.

2.बगैर कपड़ा पहने नहाते वक्त किबले की तरफ मुंह करना.

3. घुसल करते वक्त बगैर जरूरत के बात चीत करना.

4. घुसल करते वक्त दुआए पढ़ना.

5.जो चीज वुझु में मजरूह है वोह चीजे घुसल में भी मकरूह है उन चीजों से बचना.

Ghusal Ke Aadab Kya Hai | घुसल के आदाब क्या है 

दोस्तों अब हम गुसल के आदाब सीखेंगे

1. ज्यादा पानी इस्तेमाल न करना.

आप सल्लल्लाहु सलम फरमाया एक साअ में होता है और वह जो एक मद

(मुसनादे अहमद)

2. सर को जिस्म से पहले धोना.

आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम तीन चिल्ली पानी लेते और अपने सर मुबारक पर बहाते थे फिर अपने बाकी जिसमें पर बहाते थे  

(बुखारी शरीफ की हदीस)

3. सर के बाद पहले दाहिनी जाने फिर बाई जानिब पानी डालना.

हजरत आयशा रदी अल्लाहु ताला अन्हा फरमाती है कि हम में से जब किसी को जनाबत का घुसल लाइक हो जाता तो हम अपने दोनों हाथों से पानी अपने सर पर तीन मर्तबा पानी बहाते फिर बाए हाथ में पानी लेकर दाहिनी तरफ और दूसरी मर्तबा पानी लेकर बाई तरफ बहाते.

(बुखरी शरीफ की हदीस)

4. चूरू में अपने हाथों को गठ्ठों तक धो लेना.

आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया मर्द तो अपने सर के बालों को खोल दे और उसको धोए यहां तक के बालों की जड़ों तक पानी पहुंच जाए.

(Abu daud Sharif)

5. गुसल के दरमियान दुआ वगैरा ना पढ़ना.

आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम घुसल जनाबट करते शुरुआत में दोनो हाथ धोते.

(बुखारी शरीफ की हदीस)

6. गुसल से पहले सुन्नत की रियायत करते हुए वजू करना,.

आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम जब घुसल जनाबट करते तो शुरुआत में दोनों हाथ फिर ऐसे ही बूजू फरमाते ऐसे नमाज के लिए बूजू किया जाता है.

(बुखारी शरीफ की हदीस)

7. बदन पर कोई जाहिरी गंदगी हो तो उसको साफ कर लेना

एक तविल हदीस में वारिद हुआ है फिर आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने अपने बाएं हाथ में पानी लिया और अपनी शर्मगाह को धोया.

(बुखारी शरीफ की हदीस)

8. शर्मगाह का धो लेना.

इसकी हदीस ऊपर 7 नंबर में गुजरी है .

9. पूरे बदन पर तीन मर्तबा पानी बहाना.

आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया अलबत्ता मैं तो आपने सर पर तीन मर्तबा पानी बहाता हूं और फिर अपने दोनों हाथों से इशारा फरमाया.

(बुखारी शरीफ की हदीस)

10.kibla रुख हो कर घुसल करना.

11. पहले पैर दाखिल करना.

12. हड़तल इमकान सतर को छुपाना.

13. कुशल करते वक्त बातचीत न करना.

14. घुसल करते वक्त बात चीत न करना.

15.सलाम न करना.

16. घुसल खाने में पेशाब न करना.

अल्लाह के नबी हेलो अस्सलाम ने घुसल खाने मे पेशाब करने से मना फ़रमाया है.

(Tirmizi sharif)

17. पहले दाहिना पैर बाहर निकलना 

Canclusan

दोस्तो आज हमने ghusal karne ka sahi tarika kya hai ये इस पोस्ट में  पढ़ा और ghusal ka tarika kya hai और janabat ke ghusal ka tarika , और भी बहुत सारी deen ki baatein हमने सीखी दोस्तो आप को ये हमारी islamic blog post को पढ़ कर क्या सिखने को मिला अपनी राय कॉमेंट करे और आप ऐसे ही इस्लामिक पोस्ट को पढ़ना चाहते है तो हमारे islamic blog deen sikho को जरूर फॉलो करे और अपने दोस्तो को deen सिखाने की नीयत से इस पोस्ट को शेर जरूर करे आज की पोस्ट को यही पर खत्म करते है फिर मिलते है एक नई पोस्ट में 

Allah hafiz 


FAQ

Q 1 ग़ुस्ल में क्या फर्ज होते हैं?

दोस्तो घूसल के फर्ज को सीखना और जानना बहुत जरूरी है क्युकी की अगर घुसल सही नहीं होगा तो नमाज और दूसरी इबादत सही नहीं होगी तो दोस्तो गुसल के फर्ज इस प्रकार है तीन मर्तबा मुंह भर के लुल्ली करना और रोजा न हो तो गर गरा करना दुसरा नाक की नरम जगह तक पानी को चढ़ाना,और तीसरा पूरे शरीर पर इस तरह पानी को बहाना के एक थोड़ी सी जगह भी पानी के बगैर सुखी न रह जाए.

Q 2 गुसल करने की दुआ क्या है ?.

दोस्तो गुसल करने की दुआ जो हदीस की किताबो मे आई है वो ये है اللهم اجعلني من التائبين وجعلني ممن طهروا أنفسهم ए खुदा मुझे तू सब से अधिक तौबा करने वालो में बना और (गुसल की मदद से) मुझे पाक करने वालो में बना.

Q 3 जनाबत का गुसल की निय्यत क्या है?

गुसल ए जनाबत करने वाला सब से पहले ये नियत करेगा के में हम बिस्तरी की नापाकी को दूर करने के लिए और पाकी हासिल करने के लिए फर्ज गुसल कर रहा हु

Q 4 हमबिस्तरी के बाद गुसल का सही इस्लामी तरीका क्या है ?

जब रात को मियां बीवी एक दूसरे के साथ हमबिस्तर हो तो सबह की नमाज fazar से पहले और अगर दिन में ये gusal हो तो अगली नमाज से पहले मर्द और औरत को गुसल करना जरूरी है क्यूं की ये फर्ज l है इस घुसल को घुसल ए जानाबत कहा जाता है.

Q 5 गुसल में कितनी सुन्नत है ?

दोस्तो गुसल में पांच सुन्नत है वो इस तरह है 1. दोनो हाथो को पहोचो तक अच्छी तरह धोना. 2. सुन्नत के मुताबिक वुझू करना 3. इस्तिंजा करना और बदन पर नापाकी लगी हो उसे धोना. 4. नापाकी दूर करने की नियत करना. 5. तमाम जिस्म पर अच्छी तरह पानी बहाना.





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