दोस्तो आज हम dua kab qabool hoti hai इस टॉपिक पर आज की ब्लॉग पोस्ट में चर्चा करेंगे दोस्तों दुआ मोमिन का हथियार है हमारी हर हाजत dua के जरिए पुरी होती है तो अगर हमे मालूम हो जाए के dua kab qabool hoti hai और dua qabool hone ka waqt कोनसा है तो हमारे लिए dua के जरिए फायदा उठाना आसान हो जाएगा तो भाईओ आज की इस islamic post में हम dua kab our kis waqt qabool hoti hai in hindi में सीखेंगे तो ज्यादा देर न करते हुए आज का islamic Blog शुरू करते हैं
Dua Kab Qabool Hoti Hai | Dua Qabool Hone Ka Waqt
दोस्तो जीस waqt dua qabool hoti hai वो यह है.
1. shab e qadr (ज्यादा तर उम्मीद ये है shab e qadr रमजान के आखरी असरे की ताक रात यानी इक्कीस, तेईस, पच्चीस, सत्ताइस और उन्तीस सब में आती हे इक्कीस और सत्ताइस सब में सब से ज्यादा गुमान है सब ए कद्र का )
2. अरफा का पूरा दीन ( जिलहज की 9 तारिख)
3.ramazan का पूरा महीना
रमजान की हर गरी बहुत कीमती है इस लिए हर गड़ी दुआ मांगते रहना चाहिए .
4. जुमा की रात (जुमेरात और जुम्मा के दरमियानी रात)
5. जुमा का पूरा दीन
Dua Kab Qabool Hoti Hai In Hindi | Dua Kab Qabool Hoti Hai
Dua kab qubool hoti hai
6. रोजाना रात का दूसरा आधा हिस्सा
7. रोजाना रात का पहला तिहाई हिस्सा
8. रोजाना रात का आखरी तिहाई हिस्सा
9.रोजाना रात का आखरी तिहाई हिस्सा के दरमियान का वक्त
10. रोजाना सेहरी के वक्त
11.सब से ज्यादा दुआ कुबूल होने की उम्मीद जुमा की साअत ए इजाबत में है.
Juma Ke Din Dua Ki Qabooliyat
जुम्मा के दीन के साअत के वक्त के बारे में मुख्तलिफ hadees ki roshni में इस तरह है,
1. ये साअत इमाम के खुत्बे के लिए मिम्बर पर बैठने से लेकर namaz e jumma खत्म होने तक है.
2.जमात खड़ी होने के वक्त से लेकर सलाम फेरने तक है.
3.dua करने वाला जब खड़ा हो juma ki namaz पढ़ रहा हो वो वक्त है.
4.बाज उलमा कहते है juma ke din असर की namaz के बाद से सूरज गुरूब होने तक है.
5. बाज उलमा कहते है जुमा के दिन की आखरी साअत है.
6.बाज उलमा कहते है के जूमआ के दिन सुबह सादिक निकलने से तुलुअ आफताब तक है .
7.बाज उलमा कहते है जुमा के दिन सूरज तुलुअ होने के बाद है.
8. मशहूर सहाबी abujar gifari r.a. का मजहब ये है की जुम्मा के दिन दोपहर को सूरज जरा ढलने के जरा देर बाद से सूरज एक हाथ के बकदर सूरज ढलने तक है.
9.husne hasin किताब के लिखने वाले imam jawzi r.a.फरमाते है के मेरा तो अकीदह ये हैं की जुम्मा के दिन इमाम की juma ki namaz में shurah e fatiha पढ़ने से लेकर aamin केहने तक दरमियान में है क्युकी जो hadees rasulullah sallallahu alaihi wasallam से सही सनद के साथ वारीद हुई है ( इस माजकुराह व बिला सूरत में ) जमा हो जाए जैसा के मैने एक दूसरे मकाम पर वाजेह तौर पर बयान किया है.
10.imam nawawi r.a.का कहना है के इस साअत
का सही वक्त के इसके अलावा किसी कोल का इख्तियार करना ही जायज नहीं वो है जो sahi mushlim sharif में abu musa al ashari r.a से साबित है के साअते इजाबात का वक्त इमाम के खुतबे के लिए बैठने से लेकर namaz खत्म होने तक है ( यही सब से पहला कोल है )
Kin Haalat Mein Dua Qubool Hoti Hai
Dua करने वाले नीचे दी गई हालत में dua करे तो insha allah अल्लाह की जात से उम्मीद है के हमारी dua जरूर कुबूल होगी.
1.namaz की azan होने के वक्त ( यानी azan सुनने,azan का जवाब देने ,azan के बाद की दुआ पढ़ने के बाद दुआ करे )
2.azan और takbir के दरमियान (यानी azan और इकामत के दरमियान जहा भी मौका मिलि जाए उस वक्त dua करे)
3. जो शख्स किसी सख्ती या मुसीबत में गिरफ्तार हो वह azan के वक्त hayya alas salah और hayya alal falah के बाद दुआ करे.
4.allah की राह में सफे बांधने की हालत में dua करे.
5. जब अल्लाह के रास्ते में निकल कर दीन की मेहनत में मशगूल हो उस वक्त दुआ करे.
6.farz namaz के बाद ( यानी जमात से namaz पढ़े और सलाम फेरने के बाद दुआ करे ).
7.namaz में सजदह के अंदर (मगर वह dua मांगे जो quran और hadees में आई हो )
8.quran shareef की तिलावत से फारिग होने के बाद.
9. खास कर खत्म quran के बाद (चाहे खुद खत्म किया हो या किसी दूसरे ने किया हो.
10.quran shareef की तिलावत से फारिग होने के बाद
खास तौर पर कुरान खत्म करने वाली दुआए.
11.zam zam ka Pani पीने की हालत में (चाहे जम जम के पानी पर खड़े रह कर पानी पिए और दुआ करे )
12. मुर्गे की अज़ान के वक्त (यानी मुर्गे की आवाज़ सुन कर दुआ करे).
13.मुशलमानो के दीना इजतेमां में ( उन मुसलमानों के साथ या तन्हा अकेले में दुआ करे ).
14.allah ka zikr की मजलिस में(चाहे zikrullah का हल्का हो या quran और hadees का हल्का हो या बयान या नसीहत का मजमा हो वहा दुआ मांगे)
15. इमाम के वलद डोलिन कहने के बाद.
16.मय्यत्त की आंखे बंध करने के बाद.
17.namaz की ईकामत तकबीर के वक्त
18. बारिश बरसने के वक्त ( imam shafi r.a. ने अपनी किताब में लिखा है के मैने बहुत से ulma को बारिश बरसने के वक्त दुआ कुबूल होने की hadees को कई बार सुना है और हिफ्ज याद किया है ).
Imam Ibn Al Jawzi Quotes | Dua Qabool Hone Ka Wazifa
imam jawzi r.a Makka में qaba sarif को देखने के बाद ( ख्वाह मक्का पहुंच पहली मर्तबा देखे या जिस वक्त भी
khana kaba पर नजर पड़े तब उस वक्त dua करे)
imam jawzi r.a ने फरमाया के जब surah al an'am की तिलावत करे इस सुरह में एक साथ दो मर्तबा allah ka naam आया है उन दो नामों के बिच में दुआ करे.
imam ibn al jawzi r.a ने फरमाया मेने बहुत से उलमा से इस surah al an'am के allah के दो नामों के दरमियान dua कुबूल होने का आजमाया हुआ सुना है और याद किया है और hafiz e hadees अब्दुल रज्जाक रगनी r.a ने अपनी तफसीर में इस मौके पर dua qubul होने की तसरीह लिखी है.
Dua Qabool Hone Ki Surat | How To Get Your Dua Qabool
दोस्तो उन मकामात का बयान जहा dua qabool hone ki jagah को जिस जगह पर दुआ करने से dua Qabool hoti hai.
तमाम मुकद्दस मकामात इमाम hasan basri r.a.Makka के रहने वालो के नाम एक ख़त लिखा है उस खत में makka mukarrama में dua qubul होने की 15 जगह बयान करते है.
1.tawaf करने की जगह यानी माताफ में.
2. मुलतजम के पास (खाना ए काबा का वह हिस्सा जिसे लोग तवाफ करते वक्त चूमते है ,ये hajr e aswad और khana e kaba के दरवाजे के बाद चार हाथ के बराबर की जगह है.
3. मिजाब (khana e kaba के छत के परनाले के नीचे)
4.baytullah के अंदर
5. चाहे zam zam के पास
6. safa aur marwa पहाड़ियों के बीच में
7.safa aur marwa पहाड़ियों के दरमियान दौड़ने के वक्त में
8.maqam e ibrahim के पीछे
9. maidan e arafat में
10.muzdalifah में
11.mina मैं.
उन लोगों का बयान जिनकी दुआए बारगाह ए खुदावंदी में जल्दी dua qubul Hoti hai.
Sahi hadees से साबित है इन लोगो की दुआए खास तौर से कुबूल होती है वो लोग ये है
1. मजबूर और बेबस लोग.
2. मजलूम और सितमरसीदा लोग.
एक रिवायत में है अगर वो लोग गुनहगार ही क्यूं न हो एक और रिवायत में है अगर वह लोग काफिर ही क्यूं न हो.
3. बाप की दुआ अपनी ओलाद के लिए.
4. इमाम ए आदिल की दुआ ( अदल या इंसाफ करने वाला बादशाह या हुक्मरान की दुआ अपनी रीआया के लिए.
5. हर नेकोकार आदमी की दुआ.
6. मां बाप के अच्छा शुलुक करने वाली खिदमत गुजार ओलाद की दुआ अपने मां बाप के लिए.
7. मुसाफिर की दुआ.
8. रोजे दार की दुआ इफ्तार करने के वक्त में.
9. एक मुसलमान भाई की दुआ अपने मुसलमान भाई के लिए उसकी पीठ के पीछे की गई दुआ जरूर कुबूल होती है.
10. हर मुसलमान की दुआ जब तक ये किसी पर जुल्म करने , कटरेहमी की दुआ न करे, या दुआ कर के इजहारे मायूसी न करे शिकायत के तौर पर ये न कहे के मैने ये दुआ मांगी थी लेकिन कुबूल ही नही हुई,
11. एक हदीस में आया है के ( अजाब ए जहन्नम) से आजाद कर दा बंदे है जिनमे से हर एक कीदीन और रात में कोई न कोई दुआ जरूर कुबूल होती है
और जामे इब्ने मंसूर में एक रिवायत है के सही dua haji की होती है यहां तक के वो हज कर के अपने घर वापस आ जाए.
Dua Qabool Hone Wale Kaam
1. दीनदार लोगो ( नेक काम करने वालों) में शामिल होना
दीनदार का मतलब : वो लोग जो अल्लाह के हुक्म पर अमल करते हैं और अल्लाह के बताये हुए तरीके पर चलते हैं तो ऐसे लोगों की दुआ ज़रूर कुबूल होती है
2. नफ्ली इबादत करनें का पाबंद रहना
नफिल नमाज़ अगर आप न पढ़ें तो गुनाह नहीं है लेकिन फिर भी आप अल्लाह की मुहब्बत में उसके सामने हाथ बांधे खड़े रहते हैं तो ऐसे में आप अल्लाह के बहुत ही क़रीबी बन्दों में शामिल हो जायेंगे और आप अल्लाह की नाफरमानी से बचेंगे अपने आप को गुनाहों से बचाएंगे और अल्लाह की फर्माबरदारी करेंगे तो आपकी दुआएं कुबूल की जाएँगी
3. ख़ुशहाल हालत में दुआ ज़्यादा करना
एक hadees Sharif का खुलासा है के
hazrat abu huraira र.अ. से रिवायत है कि allah ke rasool ne farmaya: जो ये पसंद करता है कि allah tala उसे सख्तियों और परेशानियों में उसकी dua qubul करे तो उसे चाहिए कि खुशहाली में dua ज्यादा करे |
मतलब ये है कि जब हम पर मुसीबत आती है तब हम allah की बारगाह में हाजिर होकर दुआ करते हैं जबकि हम पर कोई मुसीबत न हो तब भी dua करते रहना चाहिए इस लिए दुआ मुसीबत के वक़्त में जल्द कुबूल होती है।
4. हर दुआ से पहले कोई sawab ka काम करना
एक hadees ka khulasa है के
hazrat abu bakr siddiq र.अ. से रिवायत है कि nabi muhammad rasulullah sallallahu alaihi wasallam ने फ़रमाया : बंदा कोई गुनाह करता है फिर वुज़ू करता है फिर दो रकातें पढता है, फिर allah tala से गुनाह की माफ़ी मांगता है तो allah tala उसे माफ़ फरमा देते है ।
5. मां भाप के साथ अच्छा सुलूक करना
hazrat umar radi allahu tala anhu ने owais qarni rahmatullah से से कहा :
मैंने rasulullah sallallahu alaihi wasallam को ये फरमाते हुये सुना है कि तुम्हारे पास यमन के लोगों में से कबीला करन से एक शख्स उवैस बिन आमिर आयेगा उसकी मां हैं जिसके साथ वो अच्छा बरताव करता है अगर वो अल्लाह तआला पर क़सम खाए तो अल्लाह तआला उसको पूरा फरमा देते हैं अगर तुम्हारे लिए उस से दुआ करवाना मुमकिन हो तो ज़रूर करवाना मां की खिदमत करने पर उन्हें ये मकाम मिला
6. Allah के बारे में हमेशा अच्छा गुमान रखना
एक hadees ka khulasa
hazrat abu huraira radi allahu tala anhu से रिवायत है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया : मेरा बंदा मेरे बारे में जैसा गुमान करता है मैं उसके साथ वैसा ही मामला करता हूं और जब भी मेरा जिक्र करता है तो मैं उसके साथ होता हूं
Canclusan
दोस्तो आज हमने dua kab qabool hoti hai इस टॉपिक पर इस इस्लामिक पोस्ट में बात की कुछ hadees Sharif भी पेस की dua qubul hone ka Waqt कोनसा है वो भी हमने पढ़ा dua qubul hone ki jagah क्या kya है वो भी हमने पढ़ा तो अब हमारा काम है इन सब प्वाइंट को याद कर के अमल करते हुई दूसरो तक पहुंचना और इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा अपने जानने वालो को shere करना.तो दोस्तो आज की पोस्ट को हम यही पर समाप्त करते है फिर मिलते है अगली नई पोस्ट में फिर एक नए islamic knowledge के टॉपिक के साथ तब तक अपना खयाल रखें
Allah hafiz
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Q-1 जो शख्स किसी सख्ती या मुसीबत में गिरफ्तार हो वो किस वक्त दुआ करें?
जो सख्स किसी मुशीबत या परेशानी में गिरफ्तार हो तो उसे चाहिए के अज़ान और एकामत कहने वाला जब हय्या लस सला और हय्या लल फलाह कहे उस वक्त दुआ करे इंशा अल्लाह आप की दुआ जरूर कुबूल होगी.
Q-2 किस अमल के दरमियान दुआ करें तो दुआ कुबूल होती है,?
अज़ान और इकामत के दरमियान जब भी मौका मिले उस वक्त दुआ मांगे इंशा अल्लाह आप की दुआ जरूर कुबूल होगी.
Q-3 किस अमल से फारिग होने के बाद दुआ कुबूल होती है ?
कुरान शरीफ की तिलावत से फारिग होने के बाद दुआ करे तो इंशा अल्लाह दुआ कुबूल होती है.
Q-4 किस पहाड़ के ऊपर दौड़ते वक्त दुआ करे तो दुआ कुबूल होती है ?
सफा और मरवा जो मक्का शरीफ का एक पहाड़ है वो दो पहाड़ों के दरमियान दौड़ते वक्त दुआ करे तो दुआ कुबूल होती है .
Q-5 अल्लाह के रास्ते में कब दुआ कुबूल होती है ?
अल्लाह के रास्ते में हर वक्त दुआ कुबूल होती है लेकिन जब अल्लाह के रास्ते में सफ बंधी हो रही हो उस वक्त दुआ मांगे तो दुआ कुबूल होती है .