Ramzan Me Padhne Ki Dua | Ramzan Ki Dua

 दोस्तो आज हम ramzan me padhne ki dua ए सीखेंगे ramzan mubarak का महीना अन करीब हम पर आने वाला है तो हम अभी से उसकी तैयारी शुरु करदे इस लिए ramzan mein padhne ki duaen हम अभी से सीखना शुरु कर दे तो रमज़ान आते आते ramzan me padhne ki dua ए सारी हमे याद हो जाए इस नियत से ये आज की islamic post बनाई है इस लिए के रमजान की कोई घड़ी हम से गफलत में न गुजरे और ramzan ki dua पढ़ कर हम रमज़ान के वक्त का सही इस्तेमाल कर सके तो दोस्तो चलो आज का islamic artical शुरू करते है.

Ramzan Me Padhne Ki Dua

Ramzan Me Padhne Ki Dua | Ramzan Ki Dua


ramzan se pehle ki dua


اللَّهُمَّ بَارِكْ لَنَا فِي رَجَبَ وَ شَعْبَانَ وَبَلِّغْنَا رَمَضَانَ


जब रजब महिने का चांद नजर आ जाए तब से 

लेकर रमजान के महीने का चांद नजर आने तक इस दुआ को पढ़ना है जिसका तर्जुमा है के या अल्लाह तू मेरे लिए रजब और साबान के महीने में बरकत अता फरमा और हमे रमजान तक पहुचा दे तो आप सभी इस दुआ को पढ़ने का एहतमाम करे और आपने घर वालो को भी सिखाए.


Ramzan Me Kitne Ashre Hote Hai?


दोस्तो ramzan mubarak एक ऐसा महीना हैं जिसके अंदर अल्लाह की रहमत बारिश की तरह बरसती है ,अल्लाह की रहमत छोटे छोटे बहानों से बंदों के गुनाहों को माफ कर के उनको नवाज देती है रमज़ान के महिने के तीन हिस्से होते है दस दिन को असरा बोलते है तो पहला असरा रहमत का होता है , दूसरा असरा मगफिरत का होता है और तीसरा असरा आग से खलासी का होता है 

Ranzan me padhne ki dua


Pehle Ashre Ki Dua | Ramzan Ke Pehle Ashre Ki Dua


दोस्तो रमज़ान के सुरु के 10 दिन (पहला अशरा) allah tala की रहमत के होते है तो ramzan k pehle ashre ki dua  कसरत से पढ़ने की ताकीद आई ही वो दुआ ये है 


Pehle Ashre Ki Dua in Arabic

رَبِّ اغْفِرُ وَارْحَمُ وَأَنْتَ خَيْرُ الرَّحِمِينَ


Tarjuma:- ए मेरे रब मुझे बख्श दे, मुझ पर रहम फरमा, तू सब से बेहतर रहम फरमाने वाला है.


मेरे प्यारे दोस्तो कितनी छोटी और मुख्तसर दुआ है और कितनी जामे है अगर एक भी दुआ कुबूल हो गई तो हमारा बेड़ा पार हो जाएगा तो हमे pehle ashre ki dua ramzan में कसरत से पढ़नी चाहिए.


Dusre Ashre Ki Dua | Ramzan Ke Dusre Ashre Ki Dua


Ramzan mubarak का dusra ashra मगफिरत का होता है मुसलमानो ने रमज़ान का कुछ हिस्सा गुजार चुका होता है अपनी ताकत के हिसाब से इबादत कर चुके होते है तो अब अल्लाह की तरफ से अल्लाह के खास बंदों की मगफिरत शुरू हो जाती है तो उस वक्त हमे ये ramzan k dusre ashre ki dua पढ़ने का एहतमाम करना चाहिए 


Dusre Ashre Ki Dua In Arabic

اسْتَغْفِرُ اللهَ رَبِّي مِنْ كُلِّ ذَنْبٍ وَاتُوبُ إِلَيْهِ


Tarjuma: में अल्लाह से अपने तमाम गुनाहों की

 बख्सीस मांगता हूं/मांगती हूं जो मेरा रब है और उसी की तरफ रूजू करता हु /करती हुं.


दोस्तों ये astagfar हमे चलते फिरते उठते बैठते पढ़ते रहना चाहिए और dusra ashra तो मगफिरत का है ही तो इन अय्याम में हमे ramzan dusre ashre ki dua को एहतमाम के साथ पढ़ना चाहिए.


Ramzan Ke Teesre Ashre Ki Dua


Ramzan Mubarak का tisra ashra आग से खलासी का होता है यानी iman वालो ने रमजान मुबारक के दो अशरे अल्लाह की इबादत और उसकी इबादत और उसकी ना फरमानी से बचने में गुजारे है तो मजदूर ने अपनी मजदूरी पूरी की है तो अब तनख्वाह लेने का वक्त है यानों jannat में जाना और jahannam से पनाह मांगना तो हमे ये teesre ashre ki dua पढ़ने का एहतमाम करना चाहिए 


Teesre Ashre Ki Dua In Arabic


اللهُمَّ إِنَّكَ عَفُوا تُحِبُّ الْعَفْوَ فَاعْفُ عَنَّا

Tarjuma: ए अल्लाह बेशक tu माफ करनें वाला और माफी को पसंद करता है पस हमे माफ कर दे

इसकेे साथ कसरत से 

لا اله الا الله 

जिक्र करे ये अफजल zikr है और साथ में 

الْحَمْدُ لله

भी पढ़ते रहे ये अफजल दुआ है 

Ramzan Me Padhne Ki Dua


Ramzan Me Padhne Ki Dua In Hindi


दोस्तो अब हम रमज़ान में पढ़ी जाने वाली दुआ दुआ हिंदी में आप के लिए लाए हैं जिस को उर्दू में पढ़ना नहीं आता वो इनसे फायदा उठा सके.


पहले अशरा की दुआ


يَا حَيُّ يَا قَيُّومُ بِرَحْمَتِكَ


أستغيث


या हय्यु या क़य्यूमु बिर'हमतिका अस्तग़ीसु


ऐ ज़िन्दाह ऐ क़ायम रहने वाले मैं तुझसे तेरी रहमत की मदद माँगता हूँ


दुसरे अशरे की दुआ


اَسْتَغْفِرُ اللهَ رَبِّي مِنْ كُلِّ زَنْبٍ وَ اَتُوْبُ إِلَيْهِ


अस्तग फ़िरुल लाहा रब्बी मिन कुल्लि ज़म्बिव व अतूबु इलैह


मैं अल्लाह से तमाम गुनाहों की बखशिश मांगता हूँ जो मेरा रब है और उसी की तरफ रुजू करता हूँ


तीसरे अशरे की दुआ


اَللَّهُمَّ أَجِرْنِي مِنَ النَّارِ


अल्लाहुम्मा अजिरना मिनन नार


ए अल्लाह ! हमको आग से पनाह दे दीजिये


Roza Rakhne Ki Dua| Sehri Ki Dua


ramzan me roza rakhne ki niyat ये है 

दोस्तो रमज़ान मुबारक में रोजा एक अहम इबादत है और रोजा रखने की फजीलत भी बहुत है तो इस लिए हम roza Rakhne Ki niyat को सही करेंगे और रोजा रखने की दुआ सही पढ़ेंगे तो हैं dua की बरकत मिलेगी और रोजा सही होगा तो roza rakhne ki dua in Urdu में ये है 


وَبِصَوْمٍ غَدٍ نَوَيْتُ مِنْ شَهْرٍ رَمَضَانَ


Tarjuma: मेने रमज़ान के इस रोजे की निय्यत की


दोस्तों हो सके तो ramzan ki sehri ki dua के वक्त ये दुआ भी पढ़ लिया करे insha allah बहुत ज्यादा फायदा होगा और इसकी फजीलत बहुत ज्यादा है वो हमे इस दुआ के पढ़ने से मिलेगी 


لَا إِلهُ إِلَّا اللَّهُ الْحَيُّ الْقَيُّوْمُ الْقَائِمُ عَلَى كُلِّ نَفْسٍ بِمَا كَسَبَتْ


Dua ki fazilat:- जो शख्स इस दुआ को सेहरी के वक्त 7 मर्तबा पढ़ेगा उसको हर सतरे के बदले में हजार नेकियां मिलेंगी और हजार गुनाह माफ कर दिए जाएंगे और इतने दर्जे बुलंद कर दिए जाएंगे.


है दुआ छोटी लेकिन अगर पढ़ेंगे तो ये फजीलत हासिल होगी तो आप खुद भी अमल करे और अपने दोस्तो को भी भेजे उनको भी सिखाए.


Ramzan Me Padhne Ki Dua In Pdf



Sehri Ki Dua In Hindi | Sehri Ki Dua Hindi Me


बिसौमि ग़दिन नवैतु मिन शहरे रमज़ान 


Iftar Ki Dua In Urdu | Roza Iftar Ki Dua


दोस्तो रमज़ान के महिने में iftar का वक्त बहुत कीमती होता है पूरा दीन रोजा रख कर इबादत कर के भूख प्यास बर्दास्त कर के सबर के साथ काम लिया हैं अब दुआ के जरिए हम अल्लाह की तरफ मुतावज्जे हो जाना चाहिए इस लिए के अल्लाह हम से करीब होता है इस वक्त हमे dua में मशगूल हो जाना चाहिए तो iftar ki dua जो hadees Sharif में आई है इसे पढ़े और भी कोसिस करे के ये वक्त हमारा दुआ में गुजरे तो इफ्तार की दुआ ये है 


اللَّهُمَّ إِنِّي لَكَ صُمْتُ وَبِكَ امَنْتُ وَعَلَيْكَ تَوَكَّلْتُ وَعَلَى 

رِزْقِكَ أَفْطَرْتُ


Dua ka tarjuma:- ए अल्लाह मेने तेरे लिए रोजा रक्खा और तेरे ऊपर ईमान लाया और तुझ ही पर भरोसा और तेरे दिए हुए रिज्क से ही रोजा खोल रहा हुं.


Iftar Ki Dua Hindi | Iftari Ki Dua In Hindi


हमारे जिन दोस्तों को उर्दू नहीं आती उनके लिए

ये Iftar Ki Dua Hindi में पेस करता हु आप खुद भी फायदा उठाएं और अपने दोस्तो को भी भेजे और deen फेलाने का जरिया बने.


अल्लाहुम्मा इन्नी लका सुम्तु व बिका आमंतु व अलैका तवक्कल्तु व अला रिज़्क़िका अफ्तरतु


दुआ का तर्जुमा:-ऐ अल्लाह! बेशक मैं ने तेरे लिए रोज़ा रखा, और तुझ पर ईमान लाया, और तुझ पर भरोसा किया, और तेरे ही रिज़्क़ से इफ्तार किया।


Canclusan


दोस्तो आज हमने Ramzan Me Padhne Ki Dua दुआ आज की पोस्ट में  सीखी आप सभी इन सभी दुआ ओ को सीखे अमल करे और अमल करते हुए अपने दोस्तो को जरूर शेर करे टाके वो भी deen ki baatein सीखे तो आप को ये islamic post को पढ़ कर क्या सिखने को मिला कॉमेंट कर के अपनी राय जरूर दे इसी के साथ आज की blog post को खत्म करते है फिर मिलते है एक नए टॉपिक के साथ तब तक अपने भाई को दीजिए इजाजत 


Allah Hafiz 


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FAQ


Q-1 सेहरी के लिए दुआ क्या है?

सेहरी के लिए एक छोटी सी लेकिन बहुत जामे दुआ ये है बिसौमि ग़दिन नवैतु मिन शहरे रमज़ान इस दुआ का मतलब है के मैने रमज़ान के इस रोजे की नीयत की

Q-2 रमजान में हमें क्या पढ़ना चाहिए?

रमज़ान में हमे رَبِّ اغْفِرُ وَارْحَمُ وَأَنْتَ خَيْرُ الرَّحِمِينَ इस दुआ को कसरत से पढ़ना चाहिए जिसका तर्जुमा है के ए मेरे अल्लाह मुझे बख्श दे, मुझ पर रहम फरमा, तू सब से बेहतर रहम फरमाने वाला है

Q-3 रमजान के आखिरी 10 दिन क्या पढ़ें?

रमज़ान के आखरी 10 दिन आग से खलासी के है इन 10 दिनो में اللهُمَّ إِنَّكَ عَفُوا تُحِبُّ الْعَفْوَ فَاعْفُ عَنَّا जिसका तर्जुमा है के ए अल्लाह बेशक तू माफ करनें वाला और माफी को पसंद करता है पस हमे माफ कर दे इस दुआ को कसरत से पढ़ते रहना चाहिए.

Q-4 रमजान के 3 चरण कौन से हैं?

रमज़ान के तीन हिस्से होते है 1. रहमत का 2.मगफिरत का 3. जहन्नम्म की आग से छुटकारा मांगना.

Q-5 इफ्तार से पहले सही दुआ क्या है?

इफ्तार से पहले की दुआ ये है अल्लाहुम्मा इन्नी लका सुम्तु व बिका आमंतु व अलैका तवक्कल्तु व अला रिज़्क़िका अफ्तरतु दुआ का तर्जुमा:-ऐ अल्लाह! बेशक मैं ने तेरे लिए रोज़ा रखा, और तुझ पर ईमान लाया, और तुझ पर भरोसा किया, और तेरे ही रिज़्क़ से इफ्तार किया।








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