दोस्तो आज की post में Hazrat Rabia Bin Amir Ka Waqia पढ़ेंगे जिसमे Hazrat Khalid Bin Walid hazrat Rabia Bin Amir r.a. को Iran ke badshah की मुलाकात के लिए भेजा और hazrat Rabia r.a. किस हाल में iran ke Badshah के दरबार में पहुंचे वहा जा कर उनके दरमियान क्या सवाल जवाब हुए और हजरत ने क्या जवाब दिया ये इस Iran ke badshah ka waqia आप पढ़ेंगे तो आप को वे सब जानने को मिलेगा और इस islamic moral story लास्ट में हमे एक सबक भी देती है तो आप आज की पोस्ट पुरी पगे तो आप Aik Aham Sabaq सिख जाएंगे तो ज्यादा देर न करते हुए आज की islamic blog post को allah का नाम लेकर शुरू करते है.
Hazrat Rabia Bin Amir Ka Waqia | Hazrat Khalid Bin Walid Ka Waqia
हजरत खालिद बिन वालिद ra की अमारत और सरपरस्ती में एक लस्कर ईरानियो से मुकाबला करने के लिए गया ईरानियों के लश्कर का सीपेसालार मशहूर जमाना पहलवान और बहादुर था हजरत खालिद बीन वलीद r.a. ने रुस्तम की दरखास्त पर hazrat rabia bin amir r.a., को इस से बात चीत के लिए भेजा, ईरानियों ने रुस्तम का दरबार खूब सजा रक्खा था , रेशम और हरिद के गद्दे थे , बेहतरीन कालीन, सोने चांदी के एशिया और दीगर अस्बाब से जीनत से आरास्ता परस्ता कर दिया था
hazrat rabia bin amir r.a.घोड़े पर सवार हथियारों से सजे हुए , फटे पुराने कपड़ों में मुलववास इस शान ओ सोकत के साथ रुस्तम के दरबार में हाजिर हुए के नंगी तलवार आप के हाथ में थी दरबार में रुस्तम का फर्श बिछा हुआ था ,hazrat rabia bin amir r.a.उसी कालीन पर घोड़े को चलाते हुए आगे बढ़ने लगे और अंदर जाने लगे रूस्तम पहलवान के आदमियोनेने hazrat rabia bin amir r.a.को अंदर जाने से रोका और कहने लगे के बादशाह रूस्तम के अदब में अपनी नंगी तलवार तो म्यान में डाल लीजिए तो hazrat rabia bin amir r.a. ने उनको जवाब दिया के में तुम्हारे बादशाह रूस्तम की दावत पर तुमसे बात चीत करने के लिए आप के दरबार मे आया हु मेरी मर्जी और ख्वाहिश से नहीं आया अब आप बताए आप को मेरा इस तरह आप के दरबार में आना पसंद नहीं तो मुझे बता दीजिए में लोट जाता हूं जब रूस्तम ने ये मंजर देखा तो अपने आदमियों से कहा के इनको इसी हालत में हमारे दरबार में आने दो.
Islamic moral story in hindi
Iran Ke Badshah Ka Waqia | Iran Ke Badshah Ki Kahani
चुनांचे आप इसी शान के साथ रूस्तम के दरबार में हाजिर हुए और जमीन पर बिछा हुआ फर्स जो दरबारियों ने बड़ी शान से कीमती चीजों से सजा रक्खा था वो हजरत राबिया बीन आमिर र.अ की तलवार की नोक की जड़ में आकर काफी जगह जगह फट चुका था , रूस्तम ने पूछा आप लोग क्या चाहते हो?
hazrat rabia bin amir r.a.ने ऐसा जवाब दिया जो हमेशा के किए ला जवाब रहेगा आप radi allahu tala anhu ने अरबी में इरशाद फरमाया जिसका तर्जुमा (tarjuma) ये है
Allah ने हमे इस लिए मबउस (पैदा) किया है के हम अल्लाह के बंदों में से अल्लाह जिनको चाहे उसे बंदों की गुलामी से निकाल कर allah ki bandagi पर लाए , और दुनिया की तंगीयों से निकाल कर अल्लाह की दोस्ती में ले जावे और दुनिया के मुख्तलिफ मजाहिब जुल्म व जोर से islam के अदल और इंशाफ की तरह लाए.
Sahaba Ka Waqia | Islamic Story In Hindi
यही हमारा और हर iman वाले का काम है और इसी की हम लोगो को dawat देते है और इसी बात की दावत को लेकर में तुम्हारे दरबार में हाजिर हुआ हूं , पूरे दरबार में सन्नाटा था किसी के पास आप की बात का कोई जवाब नही था.
(तारिख ए तबरी , अल बिदया वल निहाया 8/39)
दोस्तों इस इस्लामिक स्टोरी से इस्लामी मुआसरे के अफ़राद की मजाहिर कायनात है ,दुनिया की दिल फरेबियों और माददी ताकतों से बे रगबती और बेखोफी का अजीमुस्सान मंजर हमे ये islamic story in hindi से सीखने को मिला यही चीज इस्लामी मुआसरा को कुफ्र और शिर्क से निकालती शैतानी ताकतों और बाटिनी कुववतो से मुकाबला करने में रूहानी और ईमानी ताकतों को पहोचाती है.
Canclusan
दोस्तों आज हमने hazrat rabia bin amir ka waqia
पढ़ा और उम्मीद करता हु ये sabak amoz waqiya हम सब के iman me इजाफा कर देगा आप कॉमेंट कर के अपनी राय पेस करे के इस islamic moral story' पढ़ कर आप को क्या सीखने को मिला is waqiya को आप खुद भी अमल करे और अपने दोस्तो को shere भी जरूर करे इसी के साथ आज की पोस्ट को यही पर खत्म करते है फिर मिलते है एक नई पोस्ट के साथ तब तक अपने भाई को दीजिए इजाजत
Allah hafiz
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Dua kab our kis jagah qubul hoti hai
FAQ
Q-1 ईरानियों के सरदार का नाम क्या था ?
ईरानियों के सरदार का नाम रूस्तम था जो एक पहलवान था.
Q-2 ईरानियों ने अपने दरबार को किन चीजों से सजाया था ?
ईरानियों ने अपने दरबार को रेशम और हरिद के गद्दे थे , बेहतरीन कालीन, सोने चांदी के एशिया और दीगर अस्बाब से जीनत से आरास्ता परस्ता कर दिया था और खूब सजाया था.
Q-3 हजरत राबिया बीन आमिर r.a. को रुस्तम के दरबार में किसने भेजा था ?
हजरत राबिया बीन आमिर r.a. को रुस्तम के दरबार में रूस्तम के बुलाने पर बात चीत करने के लिए हजरत खालिद बिन वलिद r.a. ने रुस्तम के दरबार में भेजा था.
Q-4 हजरत राबिया बीन आमिर r.a.किस हालत में रुस्तम के दरबार में हाजिर हुए थे ?
हजरत राबिया बीन आमिर r.a.घोड़े पर सवार हो कर नंगी तलवार हाथ में लिए उनके बिछाए हुए कालीन को चीरते हुए रूस्तम के दरबार में हाजिर हुए थे.
Q-5 रूस्तम ने क्या सवाल किया था ?
रुस्तम ने हजरत राबिया बीन आमिर r.a.को सवाल किया था के इतनी मशक्कत किस लिए आखिर तुम लोग क्या चाहते हो ?
Q-6 रूस्तम के सवाल का हजरत राबिया बीन आमिर r.a.ने क्या जवाब दिया था ?
हजरत राबिया बीन आमिर r.a.ने ऐसा जवाब दिया जो हमेशा के किए ला जवाब रहेगा आप r.a ने अरबी में इरशाद फरमाया जिसका तर्जुमा ये है के अल्लाह ने हमे इस लिए मबउस (पैदा) किया है के हम अल्लाह के बंदों में से अल्लाह जिनको चाहे उसे बंदों की गुलामी से निकाल कर अल्लाह की इबादत पर लाए , और दुनिया की तंगीयों से निकाल कर अल्लाह की दोस्ती में ले जावे और दुनिया के मुख्तलिफ मजाहिब जुल्म व जोर से इस्लाम के अदल और इंशाफ की तरह लाए.