दोस्तो tahajjud me tin din ka ayatul kursi ka wazifa kya hai इस टॉपिक पर बात करने वाला हु दोस्तो ये वजीफा तहज्जुद के वक्त में तीन दिन पढ़ने का वजीफा है इस वजीफा को पढ़ने से आप की हर जायज हाजत पूरी होगी क्या खास वजह है इस वजीफा की जिसको पढ़ने से अल्लाह ताला पढ़ने वाले की हर जायज़ मुराद को पूरी कर देता है बहुत सारी हदीस की रिवायत से और अल्लाह के नेक बंदों के मलफुजात और अल्लाह वालो की किताबो में ये बात मिलती है के तहज्जुद का वक्त ऐसा वक्त है जिसमे दुआ मांगने वाले और अल्लाह के दरमियान कोई पर्दा नहीं होता इस लिए तहज्जुद के वक्त में मांगी गई दुआ कुबूल होती है ये ऐसा वक्त है जिस वक्त तकरीबन सारी दुनिया नींद में होती है उस वक्त अल्लाह के कुछ गिने चुने खास बंदे तहज्जुद के वक्त में उठ कर अल्लाह की बारगाह में इबादत कर के उसे राजी करने में लगे हुए होते है और उसकी यही अदा अल्लाह ताला को पसंद आ जाती है और इस लिए तहज्जुद के वक्त बंदा अपने रब से को मांगता है उसे अल्लाह ताला रद नही फरमाते.इस लिए जो भी अपनी दुआ को कुबूल करवाना चाहते है तो तहज्जुद के वक्त में दो रकात नमाज पढ़ कर अपने रब के सामने अपनी हाजत के लिए दुआ मांगे और रो कर गिडगिडा कर दुआ मांगे इंशा अल्लाह आप की दुआ उसी वक्त कुबूल हो जाएगी.तो आज में आप के लिए एक ऐसा tahajjud me din ka ayatul kursi ka wazifa ले कर हाजिर हुआ हु जो कोई भी बंदा अपनी किसी भी जायज़ हाजत को पूरा करने की नियत से तहज्जुद के वक्त सिर्फ तीन दिन तक कर ले तो इंशा अल्लाह अल्लाह ताला इस अमल की बरकत से पढ़ने वाले की हर जायज जरूरत को पूरी फरमा देगा तो चलो दोस्तो ज्यादा वक्त न जाए करते हुए आज को पोस्ट को शुरू करते है और जानते है के tahajjud me tin din ka ayatul kursi ka amal kya hai
Tahajjud Me Tin Din Ka Ayatul Kursi Ka Wazifa Kya Hai
दोस्तो आज का वजीफा एक ऐसा पावरफुल वजीफा है इसको आप पढ़ कर अल्लाह की मदद का गैबी नजारा अपनी आंखो से देखेंगे.आप को जब मुश्किल और ना मुमकिन लगने वाली जायज हाजत पेस आ जाए तो आप इस अमल को कर सकते है.
आप की जायज हाजत जो भी है वो तो इंशा अल्लाह इस अमल से पूरी होगी ही लेकिन इसके अलावा भी आप का को भी काम हो आप इस अमल की बरकत से अल्लाह के फजल से पूरा करवा सकते है.
जैसे किसी का सादी का मसला है सादी की उमर हो चुकी है कोई रिश्ता नहीं मील रहा है या मन पसंद रिश्ता नहीं मील रहा है ,किसी को रिज्क की तंगी है या कारोबार में बरकत नहीं होती या कोई नोकरी पर जॉब न मिलने की वजह से परेशान है या किसी की जल्द से जल्द मालदार बनने की तमन्ना या किसी को ला इलाज बीमारी से छुटकारा पाना है या फिर अपने घर में बरकत और शुकून हासिल करना चाहते है तो इंशा अल्लाह ये वजीफा तीर की तरह चलेगा और आप का काम कर देगा.
3 Din Ka Wazifa For Hajat In Hindi
मेरे अजीज दोस्तो ये तहज्जुद में आयातुल कुर्सी का तीन दिन का वजीफा पूरे तीन का अमल है इस अमल की बरकत से एक ही दिन में जायज़ मुराद पूरी हो जाती है लेकिन हमे ये हाजत के लिए आयतुल कुर्सी का वजीफा तीन दिन मुकम्मल करना है.
इस अमल को आप को आधी रात के बाद तहज्जुद की नमाज के वक्त करना हैं ये ऐसा वक्त है के इस वक्त अल्लाह ताला पहले आसमान पर आकर पुकारते है के है कोई दुआ मांगने वाला जिसकी दुआ में कुबूल करू है कोई हाजत का मांगने वाला जिसको में अता करू.
दोस्तो तहज्जुद के वक्त ये अमल करेंगे तो पढ़ने वाले की दुआ कुबूल की जाएगी और हाजत पूरी की जाएगी इस लिए इस वजीफा को तीन दिन तक रोजाना आधी रात को उठ कर तहज्जुद के वक्त में करना ही ज्यादा फायदेमंद है.
Tahajjud Me Tin Din Ka Ayatul Kursi Ka Wazifa Padhne Ka Tarika Kya Hai
दोस्तो ये वजीफा पढ़ने का तरीका ये है के आपंको तहज्जुद के वक्त में दो रकात सकातुल हाजत की नमाज की नियत कर के पढ़ना है आप की जो भी हाजत है उस की नियत से दो रकात नमाज पढ़नी है.
आप इस नमाज में सुरा ए फातिहा के बाद जो चाहे सूरत पढ़ सकते है लेकिन अगर आप दोनो रकात में शूरा ए इखलास ग्यारह मर्तबा पढ़े तो ज्यादा बेहतर है
एकिन अगर आप सुरा ए इखलास दोनो रकात में एक एक मर्तबा पढ़ना चाहे तो पढ़ सकते है ये आप के ऊपर है अब आप को इस दो रकात सलातुल हाजत की नमाज के सजदे में सजदह की तस्बीह नहीं पढ़नी है ये बात याद रखें.
बल्कि आप को इस नमाज के हर सजदह में 40 बार आयातूल कुर्सी को पढ़ना है इसका मतलब ये हुआ के आप को इस नमाज की पहली रकात के दोनो सजदह में चालीस चालीस मर्तबा और दूसरी रकात के दोनो सजदह में चालीस चालीस बार आयातुल कुर्सी को पढ़ना है.
यानी के दोनो रकात के दोनो सजदह में आप को कुल मिलाकर 160 मर्तबा अयातुल कुर्सी को पढ़ना है.इस तरह आप अपनी दो रकात नमाज को पूरा करे.
अब नमाज को पूरा कर लेने के बाद आप उसी जगह बैठे रहे जहा पर आप ने ये दो रकात सलातूल हाजत की नमाज को पढ़ा था और आप नमाज में जो पढ़ते है वो दुरूद ए इब्राहिम को 11 मर्तबा पढ़े
और उसके बाद 10 मिनिट तक कम से कम दिल की गहराई के साथ अल्लाह ताला से अपनी हाजत के लिए दुआ मांगनी है ये इस अमल को पूरा करना है.
इसी तरह आप को इस अमल को लगातार तीन दिन तक करना है अगर आप इस अमल को लगातार तीन दिन तक कर लेंगे तो आप को इस अमल की बरकत आप अपनी आंखो से देखेंगे.
अल्लाह ताला हम सब को इस अमल को करने की तोफिक अता फरमाए और इस अमल की बरकत से आप की हर हाजत को पूरा फरमाए आमीन.
Canclusan
दोस्तो आज हमने tahajjud me tin din ka ayatul kursi ka wazifa kya hai इस मौजु पर बात की और इस की बरकत और पढ़ने का तरीका भी बताया है अब आप अमल करते हुए दूसरो तक पहोचाये और दिन की बातें फैलने का जरिया बने.