Surah E Qadr Ka Hajat Ka Jalali Wazifa Kia Hai

 दोस्तो surah e qadr ka hajat ka jalali wazifa kia hai दोस्तो तकलीफ पर परेशानी इंसान के साथ लगी रहती है लेकिन हम इंसानों के ये बात समझ में नहीं आती के परेशानी और तकलीफ को दूर करने का रास्ता सिर्फ और सिर्फ अल्लाह ताला का जिक्र है लेकिन हम लोगो को इतनी आसान बात समझ में नही आती और इधर उधर परेशानी का इलाज़ ढूंढते रहते है तो दोस्तो आज में आप की खिदमत के एक अजीब ओ गरीब अमल पेस करने वाला हु इसके फायदे को आप खुद अपनी आंखो से देखनेगे इस अमल को करने वाला अपने हालत को बदलता हुआ जरूर देखेगा जब आप के लिए हर रास्ता बंध हो आप के लिए हर तरफ रुकावट हो इसकी वजह से आप का हर काम बिगड़ जाता हो तो ये hajat ka jalali wazifa एक जबरजस्त मोजिजा है दोस्तो आप इस अमल को अपनी हर मुसीबत और परेशानी से निजात के लिए कर सकते है या फिर आप का कोई खास काम या कोई खास मकसद हो और आप उसको जल्द से जल्द पूरा करना चाहते हो या फिर आप को कोई ऐसी मुराद हो जो बरसों से अधूरी रह गई हो और आप उसे जल्द से जल्द पूरा करना चाहते हो या आप की कोई ऐसी हाजत है जिसको पूरा करना बेहद जरूरी है या आप की घर की माली हालत ठीक न हो रिज्क की तंगी हो और उसके लिया कोई अस्बाब दिखाई न देते हो गरीबी और मुफलिसी ने घर चलाने का पूरा सिस्टम बिगाड़ दिया हो घरेलू झगड़े की परेशानी या दुकान या मकान की कोई बात को लेकर कोर्ट कचेरी का चक्कर या जॉब और नोकरी न मिलने की वजह से परेशान हो या इम्तिहान में कामयाबी पाना चाहते हो या शादी या शादी के लिए कोई रिश्ता न आता हो चाहें दुनिया का बड़ा से बड़ा प्रॉब्लम क्यूं न हो आप इस अमल को एक बार शुरू कर दे जो में आप को आज की इस इस्लामिक पोस्ट में बताने वाला हु तो दोस्तो ज्यादा देर न करते हुए आज की इस इस्लामिक पोस्ट को शुरू करते है और जानते है के surah e qadr ka hajat ka jalali wazifa kia hai.

Surah E Qadr Ka Hajat Ka Jalali Wazifa Kia Hai 


मेरे अजीज दोस्तो ये सुरा ए कदर का वजीफा बहुत ही कीमती और खास है हो सके तो आप इसको लिख कर अपने पास रख लीजिए आप को आगे अपनी जिंदगी में या किसी जरूरत मंद को काम आ सकता है.


आप जिसको भी ये अमल देंगे उसके लिए ये अमल काम करेगा और उसको फायदा पहुंचेगा और वो अमल करने वाला बंदा आप को जिंदगी भर दुआ देता रहेगा इंशा अल्लाह.


क्युकी जो ये वजीफा जो भी करता है उसको इस का फायदा और जलाल नजर आता है इसका मतलब ये हुआ के जो भी जिस नियत से इस अमल को करेगा उसका वो जायज़ काम हो जाएगा इंशा अल्लाह.


Surah E Qadr Ka Hajat Ka Jalali Wazifa Padhne Ka Tarika Kya Hai 


मेरे दोस्तो ये सुरा ए कदर का वजीफा आप को इंशा की नमाज के बाद कभी भी कर सकते है लेकिन ये बात याद रहे ये अमल आप को सोने से पहले कर लेना है उसके बाद सो जाना है.


अब ये वजीफा आप को इस्लामी महीना की पहली चांद तारीख से शुरू करना है इस लिए ये वजीफा जो भी पढ़ना चाहे वो आने वाले महीने के पहले चांद की पहली रात से ये अमल शुरू करे.


पूरे साल के किसी भी इस्लामी महीने की पहले चांद की पहली तारीख से ये आप ये वजीफा पढ़ना शुरू कर सकते है.इस लिए के ये वजीफा पहले चांद से सुरू कर के 15 चांद तक ही करना है.


आप को ये वजीफा को पढ़ने में ज्यादा वक्त भी नहीं लगता आप को सिर्फ 10 से 15 मिनिट लगेगे इसे पढ़ने के लिए ये अमल को चाहे मर्द हो या औरत बिना इजाजत के कोई भी कर सकता है.बस सिर्फ एक शर्त है के आप जिस मकसद या हाजत के लिए ये अमल कर रहे है वो जायज हो.


सब से पहले इस्लामी महीने की पहले चांद की रात में सोने से पहले पाक साफ हो कर बा वूजू हो कर अपनी जायज हाजत की नियत से तीन मर्तबा जो आप को याद हो वो दुरूद शरीफ पढ़े उसके बाद कुरान शरीफ़ की एक छोटी सी सूरत सुरा ए कद्र को पहले चांद की रात में सिर्फ एक मर्तबा पढ़नी है.


एक बार पढ़ने के बाद अपने मकसद ओर अपनी जायज हाजत को अल्लाह ताला की बारगाह में दुआ के जरिए मांगे और फिर किसी से बात किए बिना ही सो जाए.


इसी तरह दूसरे चांद की रात को सोने से पहले अच्छी तरह वुझू कर के अव्वल आखिर तीन मर्तबा दुरूद शरीफ पढे और दरमियान में सुरा ए कद्र को दो मर्तबा पढ़े और फिर अपनी हाजत के लिए अल्लाह ताला से दुआ मांगे फिर अपने बिस्तर पर जा कर किसी से बात किए बिना ही सो जाए.


मेरे अजीज दोस्तो आप को इसी तरह आप हर चांद की रात में एक एक मर्तबा सुरा ए कद्र की तादाद को बढ़ाते जाना है इसका मतलब ये हुआ के तीसरी चांद रात को तीन मर्तबा , चौथी चांद रात को चार मर्तबा, पांचवी चांद रात को पांच मर्तबा सुरा ए कद्र को पढ़ते चले जाना है.


इस तरह एक एक मर्तबा हर रात में सुरा ए कद्र को पढ़ते जाए यहां तक के 15 वी रात को सुरा ए कद्र 15 मर्तबा पढ़ ले पर फिर आप को ये वजीफा पढ़ना बंध कर देना है यानी के आप को इस्लामी महीने की पहली चांद रात से अमल शुरू करना है और पंद्रह वी रात तक ये वजीफा पढ़ना है.


यानी के हर दिन अव्वल आखिर तीन मर्तबा दुरूद पढ़ने के बाद एक एक मर्तबा हर रात में सुरा ए कद्र की तादाद को बढ़ाते जाना है तो दोस्तो आप इस पंद्रह दिनों में सुरा ए कद्र को 120 मर्तबा पढ़ेंगे.


और हर रात में वजीफा पूरा होने के बाद दुआ जरूर मांगे अपने मकसद में कामयाबी हासिल कर ने के लिए और फिर किसी के बात किए बिना अपने सोने की जगह पर जा कर सो जाए आप को सिर्फ इतना सा अमल करना है जैसा ऊपर बताया गया है.


Insha allah आप देखेंगे के इस वजीफा का ऐसा कमाल जाहिर होगा के जैसे जैसे चांद के दिन बढ़ते जाएंगे वैसे वैसे इस अमल का पावर भी बढ़ता चला जाएगा.


इंशा अल्लाह इस पंद्रह दिन पूरे होने से पहले या फिर उसी महीना के पूरा होने से पहले ही अल्लाह ताला आप की जायज हाजत और मुराद को पूरा कर देगा.


मेरे अजीज दोस्तो सुरा ए कद्र का ये वजीफा आप को किस्मत को चमका देगा और आप की किस्मत को बंध जंजीर को खोल देगा.आप के किसी भी काम में रुकावट आ रही है तो ये अमल की बरकत से अल्लाह ताला आप की रुकावट को दूर कर देगा.


आप अपने आप को हर छोटे बड़े गुनाह से बचाइए और नमाज की पाबंदी कीजिए और हर जायज़ काम को पूरा करने के लिए इस सुरा ए कद्र का पावरफुल वजीफा को कीजिए इंशा अल्लाह आप को सफलता और कामयाबी मिलेगी.


मेरे अजीज दोस्तो आप से गुजारिश है के आप इस अमल को खुद पढ़ते हुए दूसरो को भी शेयर कीजिए इस की मदद से लोगो तक दीन की बात पहुंचेगी और वह भी पढ़ने वाले बनेंगे.


Canclusan 


दोस्तो surah e qadr ka hajat ka jalali wazifa kia hai वो हमने देखा और इसको कब और किस तरह पढ़ना है वो भी देखा और इसको पढ़ने के बाद हमे क्या मिलेगा वो भी देखा उम्मीद करता हु आप को समझ में आ गया होगा अगर आप का कोई भी सवाल है तो हमे पूछ सकते है.





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