Shab E Barat Ki Fazilat In Hindi | 2024 में सब ए बारात में इबादत करने का ला जवाब तरीका

 दोस्तो आज हम shab e barat ki fazilat in hindi में सीखेंगे जैसा के आप सब जानते है के 15 shaban ki raat को shab e barat कहा जाता है ये रात allah tala से माफी( touba) निजात की रात है इस लिए हमे पता होना चाहिए के शब-ए बारात की रात में क्या पढ़े और shab e barat ki fazilat कया है तो आज की islamic Blog post में हम shab e barat ki fazilat in hindi में सीखेंगे तो चलो दोस्तो आज की islamic post को शुरू करते है.

shab e barat ki fazilat in hindi

Shab E Barat Ki Fazilat In hindi | शब-ए बारात की रात में क्या पढ़े

दोस्तों कुरान की एक आयत का खुलासा है के laylatul qadr के बाद कोई रात 15 वीजा बन से अफजल नहीं है अल्लाह ताला 15 shaban की रात आसमान  से दुनिया की तरफ नजूल फरमाते हैं फिर मुशरिक और बुग्ज रखने वाले और कतअ रहमी करने वाले के अलावा हर किस्म के लोगों की अल्लाह तबारक ताला मगफीरत फार्मा देते हैं.

इस तहसील से मालूम हुआ की अल्लाह तबारक व ताला का मखलूक की तरफ खुशूसी तवज्जु और रहमत की नजर डालना और कुछ लोगों के अलावा सबकी मगफिरत फार्मा देना और इस वजह से इस रात की फजीलत और अहमियत का होना hadees Sharif और रिवायत से साबित है 

Shab E Barat Ki Fazilat Hadees | नबी की हदीस हिंदी 

दोस्तों अब कुछ हदीस की रोशनी में 15 शाबान की फजीलत को पढ़ते हैं

1. हजरत केसर बिन मरवा r.a से अल्लाह के नबी sallallahu alaihi wasallam का इरशाद है के 15 सावन की रात में अल्लाह तबारक ताला जमीन वालों की मगफिरत फार्मा देते हैं सिवाय मुशरिक और किना वर की (tirmizi shatif)

2.allah ke rasool ne farmaya बेशक आपके रब 15 शाबान की रात में अपनी रहमत की खुशी से नजर डालते हैं और सब की मगफिरत फरमा देते हैं मगर जो शख्स मुशरिक हो या ताल्लुक को तोड़ने वाला हो (tirmizi sharif)

दोस्तों किसी से संबंध टूटने की वजह आमतौर पर कीना होता है इस लिए हमे इन सभी गुनाहों से तौबा करनी है और सभी गुनाहों से बचना है नही तो 15 शाबान की रात यानी shab e barat जेसी मुकद्दस रात में भी हम magfirat से महरूम हो जाएंगे 

3.rasulullah sallallahu alaihi wasallam ने फ़रमाया बेशक अल्लाह तबारक ताला 15वीं शाबान की रात में आसमानी दुनिया पर नजूल फरमाते हैं फिर माफी मांगने वालों को माफ फरमा देते हैं सिवाए मुशरिक और किना रखने वाले के.

4.हजरत केसर बिन मरवाह र, अ की एक रिवायत में ये अल्फाज है के मैने rasulullah sallallahu alaihi wasallam के असहाब को Nabi sallallahu alaihi wasallam की यह हदीस बयान करते हुए पाया जिसको मैं भूल नहीं हूं के बेशक अल्लाह तबारक 15वी शाबान की रात में हर बंदे की मगफिरत फार्मा देते हैं 

5.अल्लाह ताला निस्फ शाबान की रात जमीन वालों पर रहमत के साथ मुतवज्जेह होते हैं फिर उनकी magfirat फार्मा देते मगर दो आदमियों की मगफिरत नही फरमाते एक बगैर ईमान वाले की और दुसरा बुग्ज़ रखने वाले की 

Hadees Ki Baatein In Hindi | हदीस की अच्छी-अच्छी बातें

6.एक हदीस का खुलासा है के हजरत उस्मान बिन अबि आस r.a.से nabi muhammad rasulullah sallallahu alaihi wasallam ने इरशाद फ़रमाया जब शाबान की निस्फ रात होती है (shab e barat) तो allah tala की तरफ से एक पुकार ने वाला पुकारता है क्या कोई मगफिरत का तालिब है के में इसकी मगफिरत करू ?क्या कोई मांगने वाला है कि मैं उसको अता करूं उसे वक्त जो अल्लाह ताला से सच्चे  दिल से मांगता है उसकी उसकी शान के मुताबिक मिलता है शिवाय बदकार औरत और मुशरिक से यह अपनी बदकारियों की वजह से महरुम रहते हैं

7. हजरत अता बिन यसार r.a. से मरवी है के laylatul qadr के बाद शाबान की पंद्रहवी रात से अफजल नहीं allah tala आसमान ए दुनिया से रहमत की नजर से अपने बंदों पर मुतवज्जेह होता है फिर मुशरिक या बूगज रखनेवाले, या कतअ रहमी करने वालो के अलावा दूसरे लोगो की मगफिरत कर दी जाती है.

दोस्तों 15 शाबान की फजीलत में कुछ hadees हमने पढ़ी अब हम आगे इस बात के ऊपर चर्चा करेंगे के कुछ काम ऐसे हैं जिसको अगर ईमान वाला करेगा तो 15 शाबान की रात जैसी magfirat दिलाने वाली रात में भी उनकी magfirat नहीं होगी आईए देखते हैं वह काम क्या है

shab e barat ki fazilat se dur karne wale aamal

दोस्तों अभी जो हमने 15 साबान की फजीलत की जो हरि से पढ़ी इससे हमें 15 साबान की फजीलत और उसमें करने वाले आमाल की फजीलत और उन अमल की वजह से जिसको करने से 15 shaban यानी के शबे बरात जैसी मुबारक रात में भी उनकी magfirat नहीं होती कुछ लोग अपनी बड़ आमलियों की वजह से इस रात की फजीलत से भी महरूम और अल्लाह की रहमत से दूर रहते हैं और वह यह लोग हैं

1. कुफ्र और शक करने वाला.

2. किन और बुगज रखने वाला.

3. रिश्तेदारो से रिश्ता तोड़ने वाला.

4. किसी का नाहक नुकसान करने वाला.

5. मां बाप का नाफरमान.

6. जीना करने वाली औरत.

जिससे हमे ये और उसके जैसे दूसरे गुनाहों की कबाहट और नुकसान भी मालूम हो गए यह गुण अल्लाह को सख्त ना पसंद है.और इन गुनाहों को करने वाले आम magfirat के वक्त में भी मगफिरत से महरूम रहते है आज हमारे समाज में नजर डाली जाए तो यह सारे ही गुनाह आमतौर पर किए जा रहे हैं जबकि यह सारे ही गुनाह बहुत ही खतरनाक है.जिनकी कुछ तफसील यहा जिक्र की जा रही है 

 Shab E Barat Ki Namaz | Shab R Barat Ki Namaz Ka Tarika

दोस्ती अब हम shsb e barat ki namaz हमे कितनी पढ़नी चाहिएं ,और कब पढ़नी चाहिए और हम यह नमाजे पढ़ेंगे तो हमे क्या मिलेगा ये अभी हम आगे पढ़ते है 

2. रकात नफिल नमाज 

पढ़ने का तरीका :-, नफिल तहय्यतुल वज़ू पढ़िए। तरकीबः हर रकात में अल्हम्द के बाद 1 बार आयतल कुर्सी, 3 बार कुलहुवल्लाहु अहद की सूरत पढ़े 

फजीलतः हर बूंद के बदले 700 रकात नफिल नमाज का सवाब मिलेगा इंशा अल्लाह 

2 स्कात नफिल नमाज

पढ़ने का तरिका:- हर रकात में अल्हम्द के बाद 1 बार आयतूल कुर्सी, 15 बार कुलहुवल्लाहु अहद, सलाम के बाद 100 बार दरूद शरीफ पढ़े और दुआ करे 

Fazilat :-insha allah रोजी में बरकत होगी, रंज व गम से छुटकारा मिलेगा , गुनाहों की माफी होगी और magfirat होगी insha allah 

8 रकात नफिल नमाज

पढ़ने का तरीका:- (दो दो करके) हर रकात में अल्हम्द के बाद 5 बार कुलहुवल्लाहु अहद। 

फजीलतः गुनाह सारे मुआफ़ होने , दुआएँ कुबूल होगी, सवाबे अज़ीम मिलेगा और अल्लाह का ताल्लुक हासिल होगा.

12 रकात नफिल नमाज

(दो दो करके) पढ़ने का तरीका ये है की हर रकात में अल्हम्द के बाद 10 बार कुलहुवल्लाहु अहद 12 रकात पढ़ने के बाद 10 बार दुसरा कलमा , 10 बार तीसरा कलमा, 10 बार दरूद शरीफ।

14 रकात नफिल नमाज 

(दो दो करके) पढ़ने का तरीका ये है के हर रकात में अल्हम्द के बाद जो सूरह जो आप को याद हो पढ़े और इसके बाद दुआ मांगे इंशा अल्लाह जो भी दुआ मांगेंगे कुबूल होगी।

4 स्कात नफिल नमाज 

(एक सलाम से) चार रकात पढ़े और हर रकात में अल्हम्द शरीफ़ के बाद 50 मर्तबा कुलहुवल्लाहु अहद की सूरह पढ़े इसकी बरकत से insha allah गुनाहों से ऐसे पाक हो जायेगा जैसे अभी माँ के पेट से पैदा हुआ हो।

8 स्कात नफिल नमाज 

एक सलाम के साथ ये 8 रकात namaz पढ़े और हरं रकात में अल्हम्द शरीफ के बाद 11 बार कुलहुवल्लाहु अहद पढ़े इसका सवाब जन्नत की औरतो की सरदार r.a को बख्श दे 

फजीलतः आप फरमाती हैं कि नमाज पढ़ने वाले की शफाअत किए बिना जन्नत में कदम न रखूँगी।

Canclusan

दोस्तो आज हमने shab e barat ki fazilat in hindi को पढ़ा और सीखा के shab e barat की रात के अंदर हमे क्या करना चाहिए तो हम खुद भी अमल करे और अमल करते हुए दूसरो को भी दिखाए आप का कोई सवाल हों या कोई daut हो तो कॉमेंट करे उम्मीद करता हु आप को आप के सवाल का जवाब मिल। गया। होगा islamic blog post पढ़ने के लिए deen sikho blog को follow करे फिर मिलते है अगले ब्लॉग में फिर एक नए टॉपिक के साथ अपनी दुआ में हमे याद रक्खे 

अल्लाह हाफिज




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